Tuesday, February 9, 2010

कैसा देस है मेरा ?





सुनील कटारिया
पटियाला



"ऐसा देस है मेरा" बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्म वीर ज़ारा के गीत के ये बोल तो आपको याद ही होंगे ! खैर अब बात चली है हमारे देश की तो फिर इस देश में शिक्षा की बात होना लाज़मी है ! लेकिन आज इसी देश में ज्ञान और शिक्षा का दीप जला कर देश के भविष्य को उज्ज्वल करने वाले शिक्षको को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना पढ
रहा है ! धरने, भूख हड़तालें, रैली लगता है सरकारों के लिए अब आम सी बातें हो गयी है !
ऐसा ही एक विरोध प्रदर्शन बादल सरकार के खिलाफ 7 फरवरी रविवार को पंजाब के कपूरथला में हुआ जहां ई जी एस अध्यापक अपनी मांगो को लेकर सिविल हस्पताल कपूरथला की पानी की टंकी पर चढ़ गए !
शिश्रा मंत्री डा. उपिन्द्रजीत कौर के शहर के शालीमार बाग में अपनी मांगों को लेकर रोष प्रदर्शन कर रहे ई जी एस शिक्षकों में से इसी बीच शिक्षक किरणदीप कौर ने स्वयं को आग लगा ली। ई जी एस शिक्षक पिछले 32 दिनों से कपूरथला में रोष धरने कर रहे थे ! ये शिक्षक बाहरवीं श्रेणी में अपने अंक बढ़ाने के लिए विभाग की नीति के अनुसार परीक्षा का मौका लेने की मांग कर रहे थे। आखिरकार 90 प्रतिशत जलने के बाद देर रात किरणदीप ने दम तोड़ दिया और जैसा की हमारी सरकारों का काम रहा है की मरने के बाद दे दी जाती है सहायता राशि और इसघटनाक्रम में भी बिल्कुल ऐसा ही हुआ !

सरकार ने दस लाख की सहायता राशी के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी और ई जी एस अध्यापकों की मांगे भी मान ली ! राज्य सरकार ने किरणदीप की मौत के बाद समझौता कर मामले पर पानी डालने का काम किया ! ये पहला मामला नहीं है की सरकारों की और से विरोध प्रदर्शन कर मरने के बाद सहायता राशी के रूप में कुछ रूपये दे दिए जाते हैं ! पंजाब के शाही शहर पटिआला में आज से कुछ साल पहले परांठे की रेहड़ी लगाने वाले गोपाल कश्यप ने भी मांगो को लेकर अपने आप को आग लगा ली थी और मरने के बाद सरकार ने मांगे भी मान ली थी और 10 लाख की सहायता राशी के साथ साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया था !

देश के चर्चित घटनाक्रम में चाहे बात हो आरुशी हत्याकांड की या फिर रुचिका केस की, आखिरकार इस महान भारत में इन्साफ के लिए मरना ज़रूरी है क्या ? और हमारे देश की सरकारे भी कितनी अजीब हैं की मांगे तो मान लेती है मगर मरने के बाद ! दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश कहे जाने वाले मेरे इस देश की ये सरकारें आखिरकार कब नींद से जागेंगी ?

आखिर ये कैसा देस है मेरा ?

2 comments:

  1. vir mereya eh aunty ta ave he mari gai.khud nu agg laun da isne sochya vi nhi c.apni hi galti naal mar gyi.is tivi ne khud nu agg nhi lai.agg ta shawl nu lai c per zameen te gireya petrol nal isnu agg lgg gyi

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  2. gal kuj jayij v lagi te njayiz v lagi.kashmaksh manvi svedna d kilvad kiyun kardi a.eh swaal main labda rhanga kadi ag lga k kadi ag buja k.kiyun k kadi zindgi hikarat lagdi a kadi srafat.par pta ni zindgi zindgi kiyun mahi lagdi?

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