Tuesday, February 9, 2010

सबसे खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना--अवतार सिंह पाश



मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती,
पुलिस की मार भी सबसे ख़तरनाक नहीं होती
गद्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती
बैठे-बिठाए पकड़े जाना बुरा तो है
सहमी-सी चुप में जकड़े जाना बुरा तो है
मगर सबसे ख़तरनाक नहीं होता !

कपट के शोर में सही होते हुए भी दब जाना बुरा तो है
जुगनुओं की लौ में पढ़ना और
मुट्ठियां भींचकर बस वक्‍़त निकाल लेना बुरा तो है
मगर सबसे ख़तरनाक नहीं होता !

सबसे ख़तरनाक होता है मुर्दा शांति से मर जाना
तड़प का न होना और सब कुछ सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर और काम से लौटकर घर आना
मगर सबसे ख़तरनाक नहीं होता !

सबसे खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना
सबसे ख़तरनाक वो घड़ी होती है
जो आपकी कलाई पर चलती हुई भी
आपकी नज़र में रुकी होती है !

सबसे ख़तरनाक वो आंख होती है
जिसकी नज़र दुनिया को मोहब्बत से चूमना भूल जाती है
और जो एक घटिया दोहराव के क्रम में खो जाती है

सबसे ख़तरनाक वो चांद होता है
जो हर हत्याकांड के बाद वीरान हुए आंगन में चढ़ता है
लेकिन आपकी आंखों में मिर्चों की तरह नहीं पड़ता !

सबसे ख़तरनाक वो दिशा होती है
जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए
और जिसकी मुर्दा धूप का कोई टुकड़ा
आपके जिस्‍म के पूरब में चुभ जाए !

मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती
गद्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती

सबसे खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना

अवतार सिंह पाश

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